रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 36-48 घंटे की शिफ्ट अमानवीय : सर्वोच्च अदालत ने नेशनल टास्क फोर्स से ड्यूटी के घंटों पर चिंताओं को दूर करने को कहा

उच्चतम न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा / नई दिल्ली 25 अगस्त।

आरजी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले की स्वतः संज्ञान सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टरों के ‘अमानवीय कार्य घंटों’ पर अपनी चिंता व्यक्त की।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने व्यस्त कार्य शेड्यूल पर नेशनल टास्क फोर्स द्वारा विचार किए जाने की ओर इशारा किया, जिसे मेडिकल पेशेवरों के लिए एक समान सुरक्षा प्रोटोकॉल की सिफारिश करने का अधिकार है।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

“हम देश भर में रेजिडेंट डॉक्टरों के अमानवीय कार्य घंटों को लेकर बहुत चिंतित हैं। कुछ डॉक्टर 36 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं। नियुक्त समिति को सभी डॉक्टरों के ऑन-ड्यूटी घंटों को सुव्यवस्थित करने पर विचार करना चाहिए। 36 या 48 घंटे की शिफ्ट बिल्कुल अमानवीय है!”

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि नेशनल टास्क फोर्स रेजिडेंट डॉक्टरों और मेडिकल पेशे से संबंधित अन्य सभी प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करे। केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय को सभी हितधारकों के लिए निवारण पोर्टल खोलने का निर्देश दिया गया, जिससे वे अपनी चिंताओं को नेशनल टास्क फोर्स तक पहुंचा सकें।

 

Also Read – दिल्ली कोचिंग सेंटर मौतें मामला कोर्ट ने बेसमेंट के चार सह-मालिकों को जमानत देने से किया इनकार

न्यायालय ने अपने आदेश में दर्ज किया,

“इसमें कोई संदेह नहीं कि सिफारिशें तैयार करने से पहले नेशनल टास्क फोर्स द्वारा विभिन्न हितधारकों के विचार लिए जाने चाहिए। नेशनल टास्क फोर्स के समक्ष सुझाव दाखिल करने की सुविधा के लिए हम केंद्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को मंत्रालय की वेबसाइट पर एक विशिष्ट पोर्टल खोलने का निर्देश देते हैं, जिस पर विभिन्न हितधारक अपने सुझाव या विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।”

उल्लेखनीय है कि कई हस्तक्षेपकर्ताओं ने (1) डॉक्टरों, विशेषकर महिला पेशेवरों के लिए निकटवर्ती पुलिस स्टेशनों से जुड़ी संकट कॉल प्रणाली शुरू करने; (2) बिना देरी के अपराध दर्ज करने के लिए संस्थागत एफआईआर और (3) मुआवजा संकट निधि के गठन की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है। न्यायालय ने टास्क फोर्स को इस पर भी विचार करने को कहा।

Also Read – आगरा में 14 सितम्बर, शनिवार 2024 को होने वाली लोक अदालत के संबध में आगरा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव /अपर जिला जज माननीय डा.दिव्यानंद द्विवेदी जी से “कानून आजतक” की बातचीत

डॉक्टरों के लिए अंतरिम सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए संघ और राज्य सचिव बैठक करेंगे हस्तक्षेपकर्ता और एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों के राष्ट्रीय महासंघ का प्रतिनिधित्व करने वाली एडवोकेट तन्वी दुबे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रेजिडेंट डॉक्टर काम पर वापस लौटने के लिए तैयार हैं, लेकिन कार्यस्थल पर सुरक्षा उपायों की कमी के कारण वे डरे हुए हैं।

“रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा पत्र भेजे गए हैं, जिसमें कहा गया कि हम काम पर लौटने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अंतरिम सुरक्षा के लिए अनुरोध कर रहे हैं, वे डरे हुए हैं, वे प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा और सीसीटीवी चाहते हैं।”

इस पर ध्यान देते हुए न्यायालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को अंतरिम सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों से परामर्श करने का निर्देश दिया।

न्यायालय ने कहा,

“हम निर्देश देते हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट आने तक राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश ऐसी बुनियादी आवश्यकताओं को लागू करें, जिससे डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंताओं का समाधान हो सके।”

पीठ ने कहा कि बैठक आयोजित करने की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी हो जानी चाहिए। उसके बाद राज्य दो सप्ताह की अवधि के भीतर उचित कार्रवाई करेंगे।

Also Read – उत्तर प्रदेश जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल को माना जाएगा आपराधिक अवमानना: इलाहाबाद हाईकोर्ट

न्यायालय ने कई अन्य निर्देश पारित किए, जिसमें राज्य सरकारों से कहा गया कि वे विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कदम न उठाएं और प्रोटोकॉल के अनुसार शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन सुनिश्चित करें।

न्यायालय ने मामले की जांच में कमियों के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को भी फटकार लगाई।

केस टाइटल : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या और संबंधित मुद्दों के संबंध में | एसएमडब्लू (सीआरएल) 2/2024

 

Source Link

विवेक कुमार जैन
Follow me

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *